राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि, भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की अजित पवार की कोशिश का एक फायदा हुआ।
महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवार ने कहा कि, इससे 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हट गया था। अगर ऐसा नहीं होता तो हो सकता है कि, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू रहता। पवार ने सवाल किया कि, अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो क्या राज्य से राष्ट्रपति शासन हटता?
उन्होंने ये भी कहा कि, अगर राष्ट्रपति शासन नहीं हटा होता तो क्या उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले पाते? बता दें कि 23 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र की राजनीति में हुए एक बड़े घटनाक्रम के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिला दी थी। हालांकि यह सरकार तीन दिन ही चल पाई। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।