देश में 8 करोड़ से ज्यादा दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बड़ी राहत देने जा रही है। दरअसल केंद्र सरकार दुर्लभ अनुवांशिक रोग पर शोध-अनुसंधान शुरू करने वाली है। इसके तहत विज्ञान मंत्रालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
इन प्रस्तावों में सरकारी और निजी दोनों ही अनुसंधान केंद्रों को मौका दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति 2021 को मंजूरी दी है। जिसमें आरोग्य निधि योजना के तहत दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए सरकार 20 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। अब इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक किया जा रहा है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रस्ताव में कहा है, देश में आठ करोड़ से ज्यादा लोग दुर्लभ आनुवांशिक रोग से पीड़ित हैं। यह यह वैश्विक बोझ का लगभग पांचवां हिस्सा है। इनके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं विदेशी फार्मा कंपनियां तैयार कर रही हैं। जबकि घरेलू तौर पर देश में इसका उत्पादन नहीं हो रहा है।
बता दें कि, आनुवंशिक दोषों के चलते अधिकांश दुर्लभ बीमारियां जन्म के समय होती हैं। हालांकि इनके अलावा भी कई दुर्लभ बीमारियां हैं, जिनका इलाज काफी महंगा है। ऐसे में शोध अध्ययन को बढ़ावा देकर भविष्य की नई नीतियों को तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।