हमेशा शांत बहने वाली ऋषिगंगा के रौद्र रूप को देख ग्रामीणों को खौफ हो गया हैं। रैणी वल्ला, रैणी पल्ला और जुग्जु गांव के ग्रामीणों के 120 परिवार नदी के सैलाब से इतना डर गए कि वे रात में भी अपने घरों में भी नहीं गए। उन्होंने रविवार की रात जंगलों में टेंट लगाकर बिताई है। सोमवार को भी दिनभर अपने गांव में रहने के बाद ग्रामीण रात को टेंटों में जा कर सोये ।
ग्रामीणों को ग्लेशियरों के बीच से फिर पानी का सैलाब आने की आशंका लग रही है। रैणी गांव के मुरली सिंह और पूरण सिंह का कहना है कि ऋषिगंगा की बाढ़ से रैणी गांव भी पूरी तरह खतरे की जद में आ गया पर गांव के ठीक सामने चट्टान ने सैलाब का रुख मोड़ दिया, जिससे गांव तो बच गया, पर अभी तक सैलाब को देख सदमे में लग रहे हैं।