उत्तराखंड में फायर सीजन को लेकर वन महकमा अलर्ट हो चुका है। वही वेस्टर्न सर्किल के तहत आने वाले नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में एक-एक मास्टर कंट्रोल रूम बनाने के साथ 2000 किमी फायर लाइन काटी गई है।
आपको बता दे, आग बुझाने के लिए 2800 सेट उपकरण मंगवाए गए हैं। इसके अलावा पांच डिवीजन के 1700 हेक्टेयर जंगल में कंट्रोल बर्निंग हुई है। आपात स्थिति में 374 वायरलैस सेट भी पहुंच चुके हैं। 15 फरवरी से 15 जून तक का समय वन विभाग के लिए बेहद चुनौतियां भरा रहता है। गर्मी और पतझड़ का मौसम होने के कारण छोटी सी चिंगारी जंगल के अंदर अग्निकांड का रूप ले लेती है। आग से सिर्फ पेड़-पौधे नहीं बल्कि वन्यजीव भी प्रभावित होते हैं। आशियाने के आग की चपेट में आने की वजह से जान को खतरा होने पर वह पलायन करने पर भी मजबूर हो जाते हैं। मैदानी क्षेत्र के जंगल में फिर भी वन विभाग तुरंत मोर्चा संभाल लेता है। लेकिन पहाड़ पर समस्या बढ़ जाती है।