आइए जानते हैं आखिर बच्चों में ईर्ष्या की वजह बनने वाले कारण, लक्षण क्या हैं और कैसे ईर्ष्यालु बच्चों को समझाया जा सकता है-
ओवर प्रोटेक्टिंग माता-पिता- माता-पिता का ओवर प्रोटेक्टिंग नेचर बच्चे के आत्मविश्वास को गलत तरह से प्रभावित कर सकता है। ऐसा बच्चा अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा अपने माता-पिता या किसी दूसरे व्यक्ति पर हमेशा निर्भर रहता है। लेकिन माता-पिता जब दूसरे बच्चे को प्यार करने लगते हैं तो इस बच्चे के मन में अपनी सुरक्षा खोने का भय उत्पन्न हो सकता है, जो बच्चे में ईर्ष्या की वजह बन सकता है।
बच्चे की तुलना करना- ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चे की तुलना उसके साथ के बाकी बच्चों के साथ करते हैं। फिर चाहे पढ़ने लिखने की बात हो या फिर कुछ नया सीखने की, ऐसा बिल्कुल न करें। माता-पिता का ऐसा व्यवहार बच्चों में ईर्ष्या की भावना उत्पन्न कर सकता है।
जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार- ओवर पैम्पर्ड बच्चा खुद को असुरक्षित महसूस कर सकता है। इस वजह से उसमें नए बच्चे या उस नए सदस्य के प्रति जलन की भावना उत्पन्न हो सकती है।
अधिक सख्ती-कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे को नियमों में बांधकर रखने में ही उनकी भलाई समझते हैं। लेकिन ऐसे बच्चे भविष्य में खुद को दूसरों बच्चों से कमजोर समझ सकते हैं। जिससे उनके मन में बाकी बच्चों के प्रति ईर्ष्या की भावना आ सकती है।
भाई-बहन-एक रिसर्च के अनुसार, 5 साल तक की उम्र के लगभग 40 लाख बच्चे अपने भाई-बहन को अपना प्रतिद्वंदी मानते हैं। स्कूल के साथ ऐसे बच्चे घर पर भी अपने आपको बेहतर साबित करने के प्रयास में लगे रहते हैं। जिसकी वजह से उनके बीच ईर्ष्या की भावना या लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं।