हरिद्वार। इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन के आहवान पर हरिद्वार शाखा से जुड़े चिकित्सकों ने हाथ पर काली पट्टी बांध विरोध दिवस मनाया। इस दौरान चिकित्सकों ने अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को मांग पत्र सौंपा। आईएमए हरिद्वार अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि एसोसिएशन की लंबे समय से लंबित याचिकाओं को हल करने के लिए डीएम के मार्फत पीएम को मांग भेजा गया है। देश में हर तरह की विपत्ति के समय में चिकित्सक दिन रात डटकर हर परिस्थिति से लड़ते हैं लेकिन इसके बाद भी चिकित्सकों का ही सबसे ज्यादा शोषण होता है। कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति वाले चिकित्सक समुदाय के लिए मानसिक और शारीरिक भय के बिना, करुणा और समर्पण के साथ काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। सरकार से भी इस संबंध में कई बार लिखित निवेदन किया जा चुका है, लेकिन कोई सख्त कानून आज तक नहीं बन पाया है। कोविड महामारी के दौरान पूरी चिकित्सा बिरादरी पहले दिन से ही कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर जूझ रही है। चिकित्सकों के साथ हिंसा व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए कानून को सख्त किया जाए। कोविड के दौरान जान गंवाने वाले चिकित्सकों को शहीद का दर्जा दिया जाए। आईएमए के अध्यक्ष ने कहा कि कोविड के बाद फेफड़ों के फाइब्रोसिस, बढ़ी हुई थ्रोम्बोटिक घटनाओं और फंगल संक्रमण की जटिलताएं बढ़ रही हैं और हमें इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। म्यूकर-माइकोसिस के लिए आवश्यक दवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हैं और उक्त दवाओं के आयात और साथ ही साथ स्वदेशी उत्पादन पर जोर देना चाहिए। विरोध दर्ज करने वालों में डॉ. विपिन मेहरा, डॉ नीता मेहरा, डॉ आरके सिंह, डॉ कैलाश पांडेय, डॉ प्रेम लूथरा, डॉ अनु लूथरा, डॉ विपिन प्रेमी, डॉ राम शर्मा, डॉ विजय वर्मा, डॉ मुकेश मिश्रा, डॉ जसप्रीत सिंह, डॉ जसप्रीत कौर, डॉ तरुण गुप्ता, डॉ सीमा गुप्ता, डॉ संध्या शर्मा, डॉ संदीप शर्मा, डॉ अजय कुमार, डॉ अजय कुमार, डॉ अंजुम निषाद, डॉ चंदन मिश्रा, डॉ अनिल वर्मा, डॉ जेपी चाहर, डॉ हिमांशु, डॉ एचडी शाक्य आदि मुख्य रूप से शामिल थे।