धर्मनगरी में महाकुंभ निधि से मिले करोड़ों रुपये के बजट से एमआरआई यूनिट तैयार तो हो गई है लेकिन उद्घाटन होने के बाद भी डॉक्टर के अभाव में लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि तैनात दो तकनीशियन भी एमआरआई करने के बजाय रखवाली कर अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं।
कोरोना काल में संपन्न महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अन्य सामान्य मरीजों को भी सुविधा देने के लिए कुंभ निधि से साढ़े नौ करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया था। एमआरआई यूनिट नहीं लगने से तब महाकुंभ में तो श्रद्धालुओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल सका था लेकिन बाद में यूनिट को तैयार कर दिया गया था। 18 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसका उद्घाटन किया था। एमआरआई मशीन को चलाने के लिए जिला अस्पताल से रविंद्र सिंह और रुड़की अस्पताल से पवन सिंह को तैनात भी किया गया था। उद्घाटन के बाद भी आज तक एमआरआई यूनिट में किसी रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसकी वजह से यूनिट का संचालन नहीं हो रहा है।