देहरादून। उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन ने शासन को वापस लौटा दिया है। विधेयक में दिये सरकार के प्रविधानों को राजभवन ने अपने अधिकारों पर अतिक्रमण माना है। राजभवन के विधेयक लौटाने के बाद अब सरकार पशोपेश में हैं।
सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट की कवायद फिलहाल राजभवन की कार्रवाई के बाद लटक गई है। दरअसल, सरकार ने बीते 23 सितंबर को विधानसभा सत्र में राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया था। इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। राजभवन ने इसे लौटा दिया है। उक्त विधेयक में कुलपति के चयन को लेकर सरकार की ओर से जोड़े गए नए प्रविधानों पर राजभवन को आपत्ति है। यह माना जा रहा है कि सरकार ने राजभवन के अधिकारों में कटौती की है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने लौटाए गए विधेयक के साथ अपने पत्र में यह टिप्पणी की है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में सरकार के न्यूनतम हस्तक्षेप की पैरवी की। साथ ही इस पैरवी के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबंध में नई शिक्षा नीति को लेकर दिए गए संदेश का भी जिक्र किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी विश्वविद्यालयों में सरकार का हस्तक्षेप कम रखने पर जोर दिया है।