भारत-चीन सीमा पर सेना की राह आसान बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) चमोली जिले में नीती व माणा पास को सड़क से जोडऩे का काम कर रहा है, लेकिन निर्जन सीमा क्षेत्र में कार्य होने के कारण आज तक कभी किसी महिला अधिकारी की तैनाती बीआरओ में नहीं हुई। अब माणा दर्रे में देश की सबसे ऊंचाई वाली निर्माणाधीन सड़कों में से एक की जिम्मेदारी पहली बार महिला अधिकारी मेजर आईना राणा को सौंपी गई है। वह बीआरओ की 75-सड़क निर्माण कंपनी (आरसीसी) की कमान बखूबी संभाल रही हैं। मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की निवासी आईना राणा की शिक्षा-दीक्षा पंजाब के पठानकोट में हुई। आईना के पिता संजीव कुमार रेलवे से सेवानिवृत्त हैं, जबकि मां कविता गृहिणी हैं। एसएमडीआरएसडी कालेज पठानकोट से कंप्यूटर साइंस में स्नातक आईना बचपन से ही सेना में जाने का ख्वाब देखती थी। इसके लिए माता-पिता ने भी हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। स्वयं आईना ने भी पढ़ाई के दौरान ही एनसीसी के जरिये इस ख्वाब को हकीकत में बदलने की राह बनाई। एनसीसी में रहते हुए आईना ने दो बार राष्ट्रीय शिविर में शामिल होकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।