दीपावली रोशनी और उल्लास का पर्व है, शोर और धुएं का नहीं। त्योहार मनाइए, पर अपनी सेहत, सुरक्षा और दूसरों को अनदेखा करके नहीं।यह दीयों से जगमग करने का त्योहार है। सभी कड़वाहट को मिटाकर अपनों के गले मिलने, बड़ों से आशीष लेने का दिन है। इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें।जिला अस्पताल (कोरोनेशन) के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डा. पीयूष त्रिपाठी के अनुसार ज्यादातर पटाखों से 80 डेसिबल से अधिक स्तर की आवाज निकलती है।इस कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी स्थिति आ जाती है।बच्चे, गर्भवती महिलाएं और सांस की समस्याओं से पीड़ित लोग की अत्यधिक ध्वनि व प्रदूषण के कारण दिक्कतें बढ़ जाती हैं।हवा में धूल के कणों के साथ घुले बारूद के कण और धुएं के संपर्क में ज्यादा देर रहने वालों को खांसी, आंखों में जलन, त्वचा में चकत्ते पड़ने के साथ उल्टी की समस्या भी हो सकती है।