देवों के देव महादेव कहे जाने वाले भगवान शिव और रुद्राक्ष का गहरा संबंध है। भगवान शिव को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। आपने भगवान शिव को रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए देखा होगा। भगवान शिव से जुड़े होने के कारण रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष को धारण करने मात्र से ही जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसूओं से हुई थी। इसलिए इस भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। प्राणियों के कल्याण के लिए जब कई सालों तक ध्यान करने के बाद भगवान शिव ने आंखें खोलीं, तब आंसुओं की बूंदे गिरीं और धरती मां ने रुद्राक्ष के पेड़ों को जन्म दिया।
रुद्राक्ष का अर्थ
रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है रुद्र अर्थात भगवान शिव और दूसरा शब्द है अक्ष अर्थात नेत्र। मान्यता है कि भगवान शिव के नेत्रों से जहां-जहां अश्रु गिरे वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए।