देहरादून : प्रकृति हमें सब-कुछ देती है, ऐसे में हम भी तो उसे कुछ देना सीखें। यही सीख दे रहा है गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का मुनिकीरेती से लेकर चंबा तक का क्षेत्र। लगभग 62 किलोमीटर के इस हिस्से में प्रकृति से साक्षात्कार करने के साथ ही लोग इसके संरक्षण का संदेश लेकर भी जा रहे हैं।नरेंद्रनगर वन प्रभाग ने 'प्रकृति संरक्षण व संवर्द्धन: एक प्रयास' नाम से यह पहल की है। इस सर्पीली सड़क के दोनों तरफ हरे-भरे पेड़-पौधे, जगह-जगह फूलों से लकदक डालियां, इस मार्ग से गुजरने वालों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। यही नहीं, कचरा प्रबंधन को भी यहां प्रयास किए गए हैं। पहल इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसे सरकारी विभाग अंजाम दे रहा है और वह भी बिना किसी सरकारी बजट के। जनसहयोग से सड़क के दोनों तरफ प्रकृति को संवारा, सजाया जा रहा है।नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण उत्तराखंड पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों, पुष्पों आदि का विपुल भंडार भी है, लेकिन मानवीय समेत तमाम कारणों से प्रकृति की इस नेमत को नुकसान पहुंचता आ रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण जागरूकता का अभाव है।