गरुड़ (बागेश्वर)। तहसील क्षेत्र के काश्तकार लावारिस जानवरों के आतंक से परेशान हैं। काश्तकारों ने शासन प्रशासन से जानवरों से मुक्ति दिलाने की मांग की है। किसानों और काश्तकारों ने कहा कि वे जानवरों से मुक्ति दिलाने वाले प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
काश्तकार और किसान क्लब देवनाई के अध्यक्ष सुंदर सिंह बरोलिया का कहना है कि लावारिस जानवरों से मुक्ति दिलाने के संबंध में काश्तकार कई सालों से शासन प्रशासन से मांग करते आ रहे है। सरकार ने काश्तकारों की समस्या को आज तक गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा काश्तकारों को भुगतना पड़ रहा है।
तैलीहाट गांव निवासी काश्तकार बिपिन जोशी का कहना है कि लावारिस जानवरों ने खेतों में खड़ी फसल नष्ट कर दी है। आवारा जानवर मुख्य बाजारों की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित कर रहे है। ग्रामीण दिन भर आवारा जानवरों को खेतों से भगाते हर किसी को नजर आ सकते है।
पुरुड़ा गांव निवासी काश्तकार कंचन सिंह थायत का कहना है कि आवारा जानवरों ने खेतों में खड़ी फसल को आये दिन क्षति पहुंचा रहे है। आवारा जानवरों के भय से गांव के कई काश्तकारों ने खेती करना बंद कर दिया है। काश्तकार प्रकाश कोहली का कहना है कि लावारिस जानवरों की समस्या वर्षों पुरानी है। उन्होंने लावारिस जानवरों को गो सदन में भेजने को कहा है। पाये गांव निवासी मोहन सिंह नेगी उर्फ मोहनदा ने अपने जानवरों को सड़कों में छोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।