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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 21 May 2022 11:30 am IST


भोजनमाता के हाथ का खाने से क्यों किया बच्चों ने इंकार ?


चंपावत (टनकपुर) :  सूखीढांग जीआईसी का मिड डे मील (एमडीएम) विवाद सुलझा लिया गया है। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी और सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने शुक्रवार को सूखीढांग जीआईसी पहुंच छात्रों और अभिभावकों से वार्ता कर छात्रों को मध्याह्न भोजन करने के लिए राजी किया। भोजन न करने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों ने कहा कि चावल से दिक्कत होने के कारण उन्होंने खाना खाने से इनकार किया था। बाद में खुद डीएम, सीईओ और अन्य अधिकारियों ने भी भोजन किया। 57 में से उपस्थित रहे सभी 37 छात्र-छात्राओं ने खाना खाया। प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने एक दिन पूर्व इस संबंध में अभिभावकों से मंत्रणा की थी लेकिन तब मामला नहीं सुलझ सका था। शुक्रवार को को मिड डे मील विवाद सुलझा लिया गया। बता दें कि सूखीढांग के जीआईसी में छठी से आठवीं कक्षा के सात से दस बच्चे अनुसूचित जाति की भोजनमाता के हाथों बनाया खाना नहीं खा रहे थे। आरोप था कि सवर्ण जाति के ये बच्चे जातिगत कारणों से भोजन का बहिष्कार कर रहे थे। मामले में चेतावनी देते हुए स्कूल प्रशासन ने कुछ बच्चों की टीसी भी काट दी थी।