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• Mon, 19 Jul 2021 8:44 pm IST


देश का पहला संस्कृत चैनल खुलेगा संस्कृत विश्वविद्यालय में


हरिद्वार। सचिव संस्कृत शिक्षा  उत्तराखण्ड शासन विनोद प्रसाद रतूड़ी के सानिध्य में आयोजित बैठक में संस्कृत चैनल खोलने से  सम्बंधित समस्त दस्तावेज उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी ने उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव को सौंप दिए। 
        उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में संस्कृत शिक्षा सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी ने बताया कि उत्तराखण्ड में संस्कृत चैनल की स्थापना करने से देवभूमि की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को प्रचार मिलेगा। यह हम सभी के लिए अच्छा अवसर है कि हम संस्कृत चैनल के माध्यम से संस्कृत के गूढ़ ज्ञान को आम जनमानस तक पहुचाने में सफल हो पाएंगे।
         संस्कृत शिक्षा सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थापित हो रहे इस संस्कृत चैनल का नाम "संस्कृत संस्कृति" होगा। चैनल को चलाने के लिए सभी संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा। कार्यक्रमों का प्रसारण संस्कृत में किया जाएगा,जिसमें संस्कृत नाटक, गीत,कहानियां,उत्तराखण्ड के पर्यटक स्थल, आध्यात्मिक स्थल, आरतियों का सजीव प्रसारण भी चैनल द्वारा किया जाएगा। 
       कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि चैनल को चलाने के लिए इसके संसाधन विकसित किये जायेंगे। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के सचिव  डॉ आनन्द भारद्वाज ने अकादमी के कार्यक्रमों का समस्त विवरण प्रेस वार्ता में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद के सदस्य सेवानिवृत्त उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के न्यायाधीश लोकपाल सिंह ने संस्कृत चैनल की स्थापना के लिए ग्यारह हजार , संस्कृत शिक्षा सचिव ने 11 हजार,कुलपति त्रिपाठी, डॉ शिव प्रसाद खाली,डॉ आनन्द भारद्वाज सचिव अकादमी ने भी ग्यारह हजार तथा सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य विवि कार्यपरिषद के सदस्य डॉ ओम प्रकाश भट्ट ने इक्यावन सौ रुपये की राशि,राजेन्द्र प्रसाद गैरोला ने 51 00 सौ रुपये प्रदान किये। इस अवसर पर कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी,  विवि कार्यपरिषद के सदस्य प्रोफेसर दिनेश चन्द्र शास्त्री,  डॉ दिनेश चमोला,प्रोफेसर कमला पंत ,वित्त नियंत्रक श्रीमती हिमानी स्नेही,कन्हैया राम सार्की, डॉ हरीश चंद्र तिवाड़ी,डॉ शैलेश कुमार तिवारी,  रामप्रसाद थपलियाल सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।