देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा छोड़कर किसी अन्यत्र सीट से भी चुनावी ताल ठोक सकते हैं। ऐसी संभावनाओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपने उस बयान से बल मिला जिसमें उन्होंने कहा कि कहीं भी रहूं,लेकिन मेरा दिल खटीमा में है और रहेगा। खटीमा में जिस कदर मुख्यमंत्री धामी दौरे कर रहे हैं उससे यह लगता नहीं है कि कहीं और पलायन करेंगे, लेकिन उनका बयान सबको हैरत में डालने वाला है। अगर ऐसा होता है तो मुख्यमंत्री खटीमा के बजाए किस विधानसभा का रुख करते हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है। उनका पैतृक निवास डीडीहाट विधानसभा है, जिससे अब इसको लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने के बाद खटीमा हाट सीट है, लेकिन वहां के समीकरण इस बार भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर बता रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापडी मजबूत चुनौती पेश कर सकते हैं। हालांकि धामी के सप्ताह में दो बार खटीमा का चक्कर लगाना इस और संकेत दे रहा है कि टक्कर कांटे की हो सकती है। इसी बीच धामी ने मंगलवार को खटीमा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के संकल्प यात्रा सभी में एक गजब बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि मुझे कई बार ल ोग पूछते हैं कि खटीमा से चुनाव लड़ने वाले हो कि नहीं? इससे आगे सीएम ने कहा कि मैं कही भी रहूं लेकिन मेरी आत्मा हमेशा आप सबके साथ रहेगी। उनके इस बयान के सियासी मायने निकाले जाना तय है। सियासी जानकार अब इस बयान को सीएम के कहीं और चुनाव लड़ने का संकेत मान रहे हैं। ऐसे में सीएम के लिए सबसे मुफीद सीट डीडीहाट दिख रही है। मूल रूप से सीएम डीडीहाट के एक गांव के रहने वाले हैं, लेकिन पिता ने खटीमा में घर बनाकर वहां से पलायन किया। डीडीहाट सीट से मौजूदा कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल विधायक हैं और वह कभी इस सीट से नहीं हारे। यानि कि भाजपा के लिए यह सीट बेहद सुरक्षित है। लेकिन चुफाल का टिकट काटना भाजपा के लिए आसान नहीं रहेगा। इसके अलावा सीएम का बड़ा कद होने के चलते वह किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि जानकारों की माने तो कुमाऊं मंडल ही उनके मुफीद रहेगा।