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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 12 Oct 2021 3:38 pm IST


IPL के संकेत, मुश्किल होगा वर्ल्ड कप


आईपीएल का मौजूदा संस्करण प्लेऑफ की तरफ बढ़ गया है। आईपीएल के इस सत्र का इसलिए भी महत्व है, क्योंकि इसके खत्म होते ही इन्हीं मैदानों पर टी-20 विश्व कप शुरू हो रहा है। इस विश्व कप का भारत में आयोजन होना था, पर देश में फैले कोरोना के प्रकोप की वजह से यह ओमान और संयुक्त अरब अमीरात में खेला जा रहा है। हालांकि मेजबान भारत ही है। ऐसे में आईपीएल में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को विश्व कप के संदर्भ में देखा जाना स्वाभाविक है। कहना होगा कि उस लिहाज से टीम इंडिया के सामने कुछ दिक्कतें नजर आ रही हैं।

हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप की जान ओपनर रोहित शर्मा हैं, लेकिन वह आजकल रंगत में नजर नहीं आ रहे। इसी का परिणाम है कि सबसे ज्यादा पांच बार खिताब जीतने वाली मुंबई इंडियंस इस बार प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई है। रोहित शर्मा ने इस सत्र में अब तक खेले 13 मैचों में 29.30 के औसत से 381 रन बनाए हैं जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है। उनकी यूएई चरण की बल्लेबाजी की बात करें तो प्रदर्शन और भी लचर नजर आता है। इस दौरान खेले पांच मैचों में वह सिर्फ 113 रन बना सके हैं। इसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। हालांकि रोहित शर्मा जैसे दिग्गज बल्लेबाज को लय पाने के लिए सिर्फ एक पारी की ही जरूरत होती है। एक अच्छी बात यह है कि विश्व कप के लिए उनके जोड़ीदार लोकेश राहुल जबर्दस्त रंगत में हैं। भले ही उनकी टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई है, लेकिन वह अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में सफल रहे हैं। वह इस समय पांच अर्धशतकों से 528 रन बनाकर शिखर पर हैं। इस टीम की असफलता की वजह मध्यक्रम की लड़खड़ाहट के चलते कई जीते मैचों का हारना है।

मुंबई इंडियंस के ही तीन और खिलाड़ियों का फॉर्म टीम इंडिया के लिए चिंता का सबब हो सकता है। ये खिलाड़ी हैं, हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन। हार्दिक पांड्या को हमेशा ही टीम इंडिया का एक्स फैक्टर माना जाता रहा है। इसकी वजह है उनकी बल्लेबाजी का आक्रामक अंदाज और गेंदबाजी में भी एक-दो विकेट निकालने की क्षमता। लेकिन वह पीठ की तकलीफ के बाद से गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं और बल्लेबाजी में भी पुरानी रंगत में नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने अब तक खेले 11 मैचों में 117 रन बनाए हैं। असल में हार्दिक का टीम में चयन एक ऑलराउंडर के तौर पर हुआ है और गेंदबाजी नहीं करने पर वह टीम के लिए बोझ बन सकते हैं।
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इसी तरह सूर्यकुमार यादव ने कुछ समय पहले तक अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया हुआ था, लेकिन पिछले कुछ समय से एकदम फुस्स नजर आ रहे हैं। सूर्यकुमार यादव ने अब तक 18.07 के औसत से 235 रन बनाए हैं। यूएई चरण का उनका प्रदर्शन और दयनीय नजर आता है। वैसे तो ईशान किशन का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा है, लेकिन राजस्थान रॉयल्स पर मुंबई इंडियंस की जीत के दौरान अपनी नाबाद 50 रन की पारी में वह पुरानी रंगत में खेलते नजर आए। दिलचस्प बात यह है कि आईपीएल के शुरुआती चरण में श्रेयस अय्यर के चोटिल होने की वजह से ही सूर्यकुमार यादव टीम में स्थान बना सके हैं। लेकिन श्रेयस फिट होकर अच्छे फॉर्म में दिखने लगे हैं और यादव का बल्ला रनों को तरस रहा है।
जहां तक भारत के पेस अटैक के प्रदर्शन की बात है तो जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने अभी तक ठीक-ठाक प्रदर्शन किया है। वैसे भी ये दोनों गेंदबाज खासे अनुभवी हैं और टीम का इनके ऊपर निर्भर रहना स्वाभाविक है। लेकिन इस प्रारूप में दिग्गज माने जाने वाले भुवनेश्वर कुमार का रंगत से दूर होना खलने वाला है। वह सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेले 11 मैचों में मात्र छह विकेट ही निकाल सके हैं। राहत की बात यह है कि वह विकेट भले ही नहीं निकाल पा रहे हों, गेंदबाजी किफायती ही करते रहे हैं। पर हार्दिक के गेंदबाजी नहीं करने से एक गेंदबाज की कमी खल सकती है। इस स्थिति में आईपीएल में इस सत्र के सबसे सफल गेंदबाज हर्षल पटेल का टीम में नहीं होना जरूर खलने वाला है। वह अब तक 13 मैचों में 29 विकेट निकालकर शिखर पर हैं। हर्षल ने इस साल रॉयल चैलेंजर्स के अभियान में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा पंजाब किंग्स के अर्शदीप ने भी कसी हुई गेंदबाजी करके अपनी छाप छोड़ी है।
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जहां तक भारतीय स्पिनरों के आईपीएल में प्रदर्शन की बात है तो रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन टीम के मजबूत स्तंभ हैं, लेकिन टीम की जान रहस्यमय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को माना जा रहा है। दिक्कत यह है कि केकेआर के इस स्पिनर का घुटना अच्छी हालत में नहीं है। वह बीसीसीआई की मेडिकल टीम की निगरानी में दर्द निवारक इंजेक्शन लेकर खेल रहे हैं। मेडिकल टीम का प्रयास है कि विश्व कप से पहले उनके दर्द का निवारण हो जाए। उन्हें पूरी तरह फिट बनाने में तो बहुत समय लग सकता है, लेकिन सवाल यह है कि वरुण जैसे खिलाड़ी पर दांव लगाना क्या उचित है, जबकि देश के सफल एवं साहसी स्पिनर यजुवेंद्र चहल अच्छे फॉर्म में होते हुए भी बाहर बैठे हैं? चहल ने अब तक 13 मैचों में 15 विकेट निकाले हैं। इसके अलावा भारतीय टीम के एक और स्पिनर राहुल चाहर हैं। मगर अच्छे फॉर्म में नहीं होने की वजह से मुंबई इंडियंस ही उन्हें नहीं खिला रही है तो वह भारत के लिए कितने कारगर साबित होंगे?
इसमें दो राय नहीं कि आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए खेलना और देश के लिए खेलना दो बिल्कुल अलग बात है। इसलिए कई विशेषज्ञ टीम में बदलाव करने के पक्ष में नहीं हैं। वैसे आईसीसी के नियमों के मुताबिक 10 अक्टूबर तक टीम में बदलाव किया जा सकता है। अब यह भारतीय चयनकर्ताओं पर है कि वे बदलाव करते हैं या पहले से चुने खिलाड़ियों पर ही भरोसा करते हैं।
सौजन्य से – नवभारत टाइम्स