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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 1 Dec 2021 4:52 pm IST


व्यंग्य : बही लिख लिख कर क्या होगा


अभी तोताराम ‘बरामदा निर्देशक मंडल’ में अपने लिए निर्धारित उपाध्यक्ष के आसन पर विराजमान हुआ भी नहीं था कि हमने अपना अस्त्र छोड़ दिया, कहा- तोताराम, कब तक नारद की तरह विष्णु से मांगे हुए ‘हरि-रूप’ से उत्तर-प्रदेश की सत्ता सुंदरी भुवनमोहिनी को पटाने का नाटक करते रहोगे ? कभी न कभी तो पोल खुलेगी ही और तब ब्रह्मर्षि का बड़ा मजाक बनेगा.

तोताराम अचकचा गया, बोला- एक साथ इतने रूपक-प्रतीक ला पटके कि बात का सिर-पैर ही पकड़ में नहीं आ रहा है.

हमने कहा- समझ में न आने जैसी बात ही क्या है ? जेवर, वह भी मांगे का और ऊपर से नकली निकला सो अलग.
बोला- चाहे ‘जेवर’ हवाई अड्डा हो या किसी सुंदरी के पहनने का हो लेकिन इसमें में विष्णु और नारद कहाँ से आ टपके.

हमने कहा- कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश का विकास दिखाने के लिए ‘ट्रांसफोर्मिंग यू पी’ के होर्डिंगों’ में कोलकाता के एक फ्लाई ओवर का फोटो दिखा कर भद्द पिटवा ली और अब जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास को लेकर मंत्रियों में जो ट्वीट रिट्वीट चल रहे हैं उनमें जो हवाई अड्डा दिखाया गया है उसके बारे में चीन के शेन शिवाई नामक सज्जन ने लिखा है-

“भारत सरकार के मंत्रियों के ट्विटर हैंडल से न केवल चीन के बीजिंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के डिजाइन की तस्वीर बल्कि दक्षिण कोरिया की राजधानी इंचियोन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की तस्वीर भी उनके बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों के सबूत भारत के नोएडा एयरपोर्ट के तौर पर पोस्ट की जा रही हैं.”

मतलब यह हवाई अड्डे का फोटो रूपी जेवर भी किसी और का ही. हवाई अड्डा तो जब बनेगा तब बनेगा. ये तो फोटो भी अपना नहीं बना सके.

तोताराम ने कहा- मास्टर, व्यक्ति को इतना तुच्छ सोच का नहीं होना चाहिए. यह सृष्टि एक ही तो है. सभी हवाई जहाज पक्षियों को देखकर ही तो बने हैं और सभी किसी न किसी प्रार से पक्षी की शक्ल के ही तो होते हैं.सभी हमारे ‘शून्य’ का उपयोग करते हैं कि नहीं ? क्या शिंजो आबे ने साबरमती आश्रम की यात्रा के समय मोदी जी का कुरता पायजामा पहना था या नहीं.

हमने कहा- लेकिन क्या ‘जेवर’ का हवाई अड्डा बनाने से पहले उसका को ड्राइंग तो बना होगा या वैसे ही चुनाव के चक्कर में शिलान्यास कर दिया ? कोई फोटो तो बना होगा.

बोला- मान ले वह ड्राइंग चीन के हवाई अड्डे जैसा हो रहा हो तो, इस तथाकथित चीन के हवाई अड्डे का फोटो ध्यान से देख. क्या इसमें भगवा रंग दिखाई नहीं दे रहा ? भगवा रंग और किसका हो सकता है ? क्या चीन की बुद्ध की मूर्तियों की शक्ल भारत के बुद्ध से नहीं मिलती ?

हमने कहा- और तो और तुम्हारी दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की मूर्ति भी पूरी तरह भारत की बनाई हुई नहीं है. इसमें भी चीन की कंपनी का सहयोग है.

बोला- यह दुनिया ही सहयोग से चलती है. वैसे भी बड़े लोग अपने सारे खुद थोड़े ही करते हैं. छोटे-मोटे काम दूसरों को देते ही हैं.और फिर योगी जी यह सब अपने लिए थोड़े ही कर रहे हैं. यह सब तो उत्तर प्रदेश के विकास के लिए कर रहे हैं. उन्हें हवाई जहाज और हवाई अड्डे के बारे में क्या पता ? जैसा अधिकारियों ने बना दिया, लगा दिया सो ठीक है. उन्हें किसी हवाई जहाज ही क्या, हवाई अड्डा और रन वे कुछ भी नहीं चाहिए. वे तो योग-बल से ही कभी भी, कहीं भी पहुँच सकते हैं. सिद्धियाँ जो प्राप्त हैं.

फिर सन्यासियों, योगियों और फकीरों के लिए तो ‘क्या तेरा, मेरा क्या बंदे’. क्या चीन का, क्या भारत का. बही लिख लिख कर क्या होगा ?
सौजन्य से - नवभारत टाइम्स