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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 3 Jul 2023 12:38 pm IST


कोविड-19 के बाद कैसे बदली दिल की धड़कन


इन दिनों युवाओं में दिल के दौरे की बढ़ती घटनाएं सबका ध्यान खींच रही हैं। खासकर कोविड-19 के बाद, जब अधिक संख्या में लोग दिल की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। हाल ही में जर्नल ऑफ इंफेक्शन एंड ड्रग रेजिस्टेंस में एक रिसर्च प्रकाशित हुई। इसमें स्मोकिंग, डायबीटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे कारकों के अलावा कोविड-19 से हृदय की मांसपेशियों के तंत्र में सूजन, साइटोकिन तूफान, वायरल संक्रमण आदि को भी वजह माना गया है।

समझें बीमारी
ऐसे समय में जब हृदय रोगों की बढ़ती घटनाओं के कारणों को समझने का प्रयास किया जा रहा है, रोगियों के लिए प्रारंभिक चरण में उपचार लेना और जटिलताओं से बचना और भी महत्वपूर्ण है।

छाती में दर्द या परेशानी हृदय, एसिडिटी, पेट या भोजन नली में अल्सर से संबंधित हो सकती है या यह मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है।
इस तरह के दर्द के कारणों में अंतर करना बहुत जरूरी है। यह जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थितियों की चेतावनी हो सकती है।
हृदय से संबंधित दर्द गंभीर नहीं होता। जब रोगी को छाती के अंदर कुछ सिकुड़न महसूस होती है तो आमतौर पर हल्का दर्द होता है।
कुछ लोग इसे छाती के बीच में अनुभव करते हैं। अन्य इसे छाती के बाईं ओर या जबड़े में महसूस करते हैं। दर्द बाईं बांह या पीठ तक भी फैलता है।
यह मतली, ठंडा पसीना, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, अचानक थकान या अपने दिल की धड़कन के बारे में जागरूकता से भी जुड़ा हो सकता है।
एंटासिड या मुद्रा में बदलाव से इसमें राहत नहीं मिलती है।

यूं करें मुकाबला
ऐसा कुछ हो तो मदद लेनी जरूरी है। घर पर खुद इलाज न करें। इससे नुकसान अधिक हो सकता है। मदद के लिए किसी को पास बुलाएं और जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें। फोन पर अपने डॉक्टर के साथ छोटी सी बातचीत आपको अस्पताल पहुंचने से पहले घर पर उपलब्ध कुछ दवाएं लेने और जटिलताओं से बचने में मार्गदर्शन कर सकती है।

हार्ट अटैक आमतौर पर तब आता है जब हृदय की मांसपेशियों के किसी हिस्से में खून पहुंचना कम या बंद हो जाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों का कुछ हिस्सा नष्ट हो सकता है।
इसे आसानी से रोका जा सकता है, बशर्ते रोगी को घर पर जल्दी प्राथमिक उपचार मिले। लक्षण महसूस होने पर वह जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच जाए।
अस्पताल में कुछ साधारण रक्त परीक्षण, ECG और इकोकार्डियोग्राफी करके दिल के दौरे को आसानी से पहचाना जा सकता है।
दिल का दौरा पड़ने से पहले ही दिल की समस्याओं की जांच अस्पताल में भर्ती हुए बिना, कुछ सरल परीक्षणों जैसे ब्लड टेस्ट, ट्रेडमिल परीक्षण, इकोकार्डियोग्राफी और CT कोरोनरी एंजियोग्राफी से की जा सकती है, जो कुछ वर्षों में एक बार किया जा सकता है।
लेकिन कभी-कभी ये परीक्षण भी किसी अंतर्निहित रोग प्रक्रिया की अनुपस्थिति का 100 फीसदी अनुमान नहीं लगा सकते। इसलिए शीघ्र पहचान, निदान और उपचार के बारे में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है।
दिल के दौरे की रोकथाम के लिए जीवनशैली में बदलाव, नियमित व्यायाम, धूम्रपान बंद करना, शरीर के वजन पर नियंत्रण और डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, सीरम कोलेस्ट्रॉल के लेवल आदि पर नियंत्रण शामिल है।
दिल के दौरे के उपचार में कुछ दवाएं, समय-समय पर जांच, जरूरत पड़ने पर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी या सर्जरी शामिल है।
सटीक सर्जरी
तकनीकी प्रगति ने रोगी की देखभाल को बहुत आसान बना दिया है। पहले की तुलना में अब इलाज की प्रक्रिया रोगी के लिए बहुत कम तकलीफदेह हो गई है। सर्जनों ने रोबॉटिक तकनीक को अपना लिया है, जिससे सटीक सर्जरी होती है, जटिलताएं कम होती हैं और बहुत जल्दी रिकवरी होती है। हालांकि स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन सभी तक जानकारी और जागरूकता पहुंचाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स