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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 26 Aug 2021 5:08 pm IST


आतंक के साये में रह रहीं हैं अफ़ग़ानिस्तान की औरतें


दुनिया इस वक्त अफगानिस्तान को लेकर जितनी चर्चा कर रही है, उसके लिए ज़रूरी सूचनाओं की उतनी ही कमी है. ख़ासकर अफगानिस्तान के आम जीवन से जुड़ी सूचनाएं बहुत कम हैं. महिलाओं के बारे में आशंकाएं जताई जा रही हैं लेकिन उनकी आवाज़ बाहर नहीं आ पा रही है. काबुल एयरपोर्ट पर अफगानिस्तान छोड़ कर भागने वालों में केवल मर्द दिखाई देते हैं. इन तस्वीरों को ठीक से देखने और समझने की ज़रूरत है. भागने वालों में कोई वृद्ध नहीं है. कोई विकलांग नहीं है. बच्चा नहीं है और औरतें भी नहीं हैं. दो चार की संख्या में औरतें दिखाई देती हैं. इन्हें छोड़ कर भागने वाले मर्दों के आगे कोई सुनहरी दुनिया नहीं है लेकिन वे पीछे की बदतर दुनिया में औरतों को छोड़े जा रहे हैं. मर्दों का इस तरह भागना बता रहा है कि भागने के वक्त औरतें आसानी से छोड़ी जा सकती हैं.
अगर ये भागने वाले अफगान अमरीकी या विदेशी ताकतों के मददगार रहे हैं तो फिर कम से कम इनके साथ इनके घर की औरतें वहां से आ रही तस्वीरों में दिखाई दे सकती थीं. काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचने के रास्ते तालिबान के कब्ज़े में हैं. औरतों के लिए घर से निकल कर एयरपोर्ट तक पहुंचना ख़तरे से ख़ाली नहीं है. भारत में पढ़ रहीं अफगान लड़कियों के ये बयान बता रहे हैं कि वे अपने घर को किस तरह से देख रही हैं. रवीश रंजन ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ चुकी एक अफगान छात्रा से बात की है. बातचीत अंग्रेज़ी में है लेकिन आप उनकी चिन्ताओं को किसी भी भाषा में समझ सकते हैं.