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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 12 Feb 2022 11:44 am IST


88 साल बाद एक हैत मिथिलांचल आ सीमांचल


वर्ष 1934 मे आयल प्रलयकारी भूकंप मे मिथिला कें बहुत बेसी नोकसान उठाबय पड़ल छल। लोकक जान-माल केर क्षति केर संगहि कतेको प्राचीन धरोहर सभकें सेहो बहुत बेसी नोकसान पहुंचल। एतबी नहि, भूकंप सं मिथिला सेहो दू भाग मे बंटि गेल। ओ एना कि कोसी नदी पर बनल रेल पुल रिक्टर स्केल पर 8 केर तीव्रता सं आयल भूकंप सं पूर्ण रूपेण ध्वस्त भ’ गेल।

कोसी पर पुल टुटला सं मिथिला दू भाग मे बंटि गेल। नतीजा भेल कि दरिभंगा-मधुबनी केर संपर्क सहरसा-सुपौल आ कि पूर्णियां-भागलपुर सं कटि गेल। दरिभंगा-मधुबनी रेल रूट केर सभसं अंतिम रेलवे स्टेशन निर्मली सं सरायगढ़ जयबा मे महज 20-25 मिनट लागैत छल। ई दूरी बढ़ि कय 300 किलोमीटर भ’ गेल। एकरा चलते दुनू दिसका लोकक बीच आन-जान प्रभावित भेल जकर असर आपसी रिश्ता पर सेहो पड़ल। खासकय दुनू दिसक लोकक बीच विवाह संबंध लगभग खत्म भ’ गेल।

ओना तकरीबन 10 साल पहिने ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर हाईवे बनला केर बाद मिथिलाक ई दुनू हिस्सा फेर सं एक भ’ चुकल अछि। मुदा आब 88 साल बाद रेल परिचालन सेहो शुरू होमय जा रहल अछि जाहि सं ई दूरी आर कम भ’ जैत। एहि पुल के बनि गेला सं दरिभंगा प्रमंडल के करीब 1.27 करोड़ आ कोसी प्रमंडल केर 1.21 करोड़ लोक कें फायदा हैत। एक बात आर, एहि रेल पुल सं केवल मिथिले केर लोककें फायदा नहि हेतैन। जं कनेक विस्ताररूपेण देखी त’ एकरा सं बिहारक अलावा नॉर्थ ईस्ट के राज्य बंगाल, असम, अरुणाचल आ किछु दोसर राज्य कें सेहो फायदा भेटत।

उदाहरण केर रूप मे कही त’ दिल्ली सं गुवाहाटी केर सफर करीब चारि-पांच घंटा कम भ’ जैत। जाहि ट्रेन कें एखन दिल्ली सं गुवाहाटी लेल पटना केर बाद बरौनी, बेगूसराय, कटिहार आ बंगाल घूमि कें जाय पड़ैत अछि ओ सीधे समस्तीपुर सं दरिभंगा, झंझारपुर होइत गुवाहाटी निकलि जैत। तें ई कहबा मे कोनो हिचक नहि जे एहि रेल पुल केर इंतजार केवल मिथिले केर लोक कें नहि बल्कि नॉर्थ ईस्ट केर किछू राज्य कें सेहो अछि। ओना एकरा सं मिथिला मे रेल नेटवर्क केर विस्तार सेहो हैत आ दिल्ली सं नॉर्थ ईस्ट राज्य केर लेल ई प्रमुख रेल लाइन भ’जैत।

आब बात करैत छी जे कि अछि एकर वर्तमान स्थिति आ कहिया धरि अछि शुरू होयबाक अनुमान। 6 जून 2003 कें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कोसी नदी पर बनल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुल केर समानांतर रेल पुलक आधारशिला राखने छलाह। शुरुआत मे त’ काज मंथर गति सं चलल मुदा बाद मे रफ्तार पकड़लक आ आब ई पूर्णरूपेण बनि कें तैयार अछि। एकरा पर रेल परिचालन सेहो शुरू भ’ गेल अछि जकर उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर 2020 मे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग केर माध्यम सं कयलनि।

वर्ष 2016 मे निर्मली सं सकरी लाइन पर लेल गेल मेगा ब्लॉक के बाद आब एखन स्थिति ई अछि जे दरिभंगा सं झंझारपुर धरि आ ओम्हर सहरसा सं कुपहा तक रेल परिचालन भ’ रहल अछि। दरिभंगा सं झंझारपुर के बीच एखन मात्र एक जोड़ी सवारी गाड़ी केर परिचालन भ’ रहल अछि। कुपहा सं निर्मली धरि सेहो सीआरएस निरीक्षण भ’ चुकल अछि आ जं सभ किछु ठीक-ठाक रहल त’ अहि महीना केर अंत धरि रेल परिचालन शुरू भ’ जैत। मतलब ट्रेन सहरसा सं निर्मली धरि आबि जैत।

एम्हर झंझारपुर सं निर्मली धरि रेल लाइन सेहो बनि कें तैयार अछि। तमुरिया तक त’ ट्रेन केर ट्रायल रन सेहो शुरू भ’ चुकल अछि। घोंघरडीहा आ निर्मली केर बीच सेहो काज लगभग पूरा भ’ चुकल अछि। उम्मीद अछि कि अगिला महीना केर अंत धरि दरिभंगा सं निर्मली तक गाड़ी पहुंचि जैत। मतलब अप्रैल मे एहि रेल मार्ग पर दरिभंगा सं सहरसा तक रेल परिचालन शुरू भ’ जैत जकरा बाद हम कहि सकैत छी जे मिथिलांचल आ सीमांचल फेर सं एक भ’ जैत। मतलब दुनू दिसका लोकक 88 सालक बहुप्रतिक्षित इंतजार खत्म भ’ जैत। दू साल पहिने दरिभंगा एयरपोर्ट शुरू भेला केर बाद यातायात केर क्षेत्र मे मिथिला के लेल ई एकटा बहुत पैघ सौगात हैत।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स