छोटे बच्चों को जब गणित पढ़ाया जाता है, तो उन्हें खिलौने, फल आदि के जरिए या उंगलियों पर गिनती करके जोड़ना, घटाना सिखाया जाता है। यह तरीका बच्चों को आसान लगता है। अभी तक यह आम धारणा थी कि हर तरह का गुणा-गणित हमारे दिमाग के अंदर ही होता है, लेकिन यह किस ओर होता है, इसे लेकर अलग-अलग लोग अलग-अलग बात करते थे। अब जर्मनी के बॉन हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी के मिर्गी रोग से संबंधित विभाग के विशेषज्ञों ने खोज निकाला है कि गणित का कैलकुलेशन दिमाग के किन हिस्सों में होता है। जोड़ने के लिए जो हिस्सा काम करता है, वह घटाने के लिए नहीं करता है।
हम जानते हैं कि मस्तिष्क और हमारे अंगों के बीच संदेशवाहक का काम न्यूरोन्स करते हैं। मस्तिष्क में सेरेब्रम सबसे बड़ा और मुख्य हिस्सा है। यह चार भागों में बंटा है और हर हिस्से का अपना काम है। इसके अगले हिस्से यानी फ्रंटल लोब में सभी बौद्धिक गतिविधियां होती हैं। इसी हिस्से के न्यूरॉन्स न्याय जैसी चीजें तय करते हैं। बीच के हिस्से पेराइटल लोब में दर्द, तनाव, दबाव महसूस होता है। बाईं तरफ टेंपोरल लोब होता है जो देखने और याद रखने के लिए जिम्मेदार होता है। दाईं तरफ ओसिपिटल लोब होता है जो रंग और शब्द पहचानता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि मिर्गी के कुछ मरीजों से जब अंकों को जोड़ने के लिए कहा गया तो उनके टेंपोरल लोब, यानी बाईं ओर के न्यूरोन्स एक्टिव हो गए। जब घटाने की बारी आई तो दूसरे न्यूरोन्स सक्रिय हुए।
सौजन्य से - नवभारत टाइम्स