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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 19 Jan 2022 5:41 pm IST


" पहाड़ी STORE " उत्तराखंड की कला और संस्कृति को समर्पित एक स्टोर


उत्तराखंड की संस्कृति एवम भव्य  विरासत से अपनी युवा पीढ़ी और अन्य समाज को रूबरू कराने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस स्टोर की छटा देखते ही बनती है । यह स्टोर, पारंपरिक परिधान के समर्थक, स्टोर के युवा संचालक रमन शैली का स्व रोजगार की दिशा में किया गया एक अनुकरणीय प्रयास है । रोजगार के साथ साथ अपने प्रदेश की संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिए इस पहले देसी स्टोर की शुरुआत श्रीनगर गढ़वाल में खुले अपने पहले फ्रेंचाइजी स्टोर से की गई थी । इससे पहले रमन और उनके साथी बंगलौर में रहते हुए ऑनलाइन tuds.in के द्वारा पहाड़ की कला,  संस्कृति और पर्यटन को दर्शाने वाले प्रोडक्ट्स का प्रचार प्रसार एवम बिक्री कर रहे थे । कोरोना के बाद लॉकडाउन की वजह से वापिस उत्तराखंड आने पर कुछ नया और सार्थक करने की सोच ही इस स्टोर को शुरू करने की मुख्य वजह है । रमन का प्रयास सभी लोकल प्रोडक्ट्स को एक ऐसा बाज़ार उपलब्ध कराना है जहां सभी समान एक ही छत के नीचे उपलब्ध हों । अभी इस स्टोर में पहाड़ी टोपी, पिछौड़े, ऐपन के प्रोडक्ट जैसे नेमप्लेट, थाली, दिए, सजावटी वॉलफ्रेम, छोटे मंदिर के साथ ही भीमल से बने जूते, पर्स, हाथ से बने आसान, हेडबैंड्स, बुरांश कंडाली के साबुन आदि उपलब्ध हैं । पहाड़ी स्टोर ने अपने साथ कई स्वयं सहायता समूह और स्टार्टअप को जोड़ा है जोकि उत्तम गुणवत्ता का सामान बनाते हैं, 40 से ज्यादा रिटेलर उत्तराखंड में मौजूद हैं । आज की युवा पीढ़ी के लिए गढ़वाल का साहित्य, डिक्शनरी, लोक कथाओं का संग्रह भी इस स्टोर में मौजूद है ।

मंडवे के नूडल्स, शुद्ध शहद, पहाड़ी फलों की चटनी और  तिमला, लींगडा, सेमल, करेला आदि के अचार, कंडाली की चाय, दालें, जाखिया, फर्न, झिंगोरा मंडवा, लाल चावल जोकि मुख्यता पुरोला और बागेश्वर में ही होते हैं, आदि इस स्टोर में उपलब्ध है ।