गौतम अदाणी ने मुंबई स्थित धारावी के पुनर्विकास के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया है। उन्होंने कहा है कि पुनर्विकास के बाद धारावी 21वीं सदी का आधुनिक और अत्याधुनिक शहर बनेगा। एक आलेख में अदाणी समूह के मुखिया ने 1970 के दशक के अंत में धारावी के साथ अनुभवों के बारे में भी बताया है। उन्होंने लिखा है कि उस दौरान वे धारावी में भारत की संस्कृतियों और भाषाओं के जीवंत मिश्रण से प्रभावित हो गए थे। बता दें कि नवंबर 2022 में अदाणी प्रॉपर्टीज ने धारावी के पुनर्विकास से जुड़ी परियोजना की बोली हासिल की थी। अदाणी ने अपने आलेख में बताया है कि कैसे यह परियोजना अपने पैमाने और जटिलता के कारण अद्वितीय है। उन्होंने लिखा कि इस योजना में लगभग दस लाख लोगों को फिर से बसाना और धारावी के विभिन्न व्यवसायों का पुनर्वास शामिल होगा।
अपने आलेख में उन्होंने लिखा, "पूर्व हैवीवेट विश्व बॉक्सिंग चैंपियन माइक टायसन एक समय अपने जीवनकाल में भारत के दो स्थानों पर जाने के लिए विशेष तौर पर इच्छुक थे। एक ताजमहल और दूसरा धारावी। दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के तौर पर पहचान रखने वाली धारावी से मेरा पहला वास्ता 70 के दशक के अंत में तब पड़ा जब देश के तमाम युवाओं की तरह मैंने भी जीवन में कुछ कर गुजरने का सपना लिए मुंबई में कदम रखा। यह सपना हीरों के कारोबार में कुछ बड़ा कर दिखाने का था। आपाधापी के उस दौर में ही मेरा वास्ता धारावी से भी पड़ा। एक ऐसा रहवासी इलाका जहां इंसानों की भीड़ घोर अमानवीय और प्रतिकूल परिस्थितियों में रहते हुए अपने आपको और अपने सपनों को जिंदा रखने के लिए लगातार संघर्षरत रहती है। उस समय भी धारावी एक ऐसा जन समुद्र था, जिसमें देश भर की विविध मान्यताएं, संस्कृतियां और भाषाएं मिलती जाती थीं और फिर एकसार भी हो जाती थीं। गुदड़ी के लाल की तर्ज पर यहां की बेहद संकरी और लगभग हवा विहीन गलियों में आहत और अचंभित कर देने वाले दृश्य आम हैं। यहां रहने वालों से आपके सवाल का उत्तर देश की किसी भी भाषा में तुरंत मिल जाएगा लेकिन उन्हें साफ-सफाई, शुद्ध पानी और स्वच्छ हवा यहां कब मिलेगी, इसका उत्तर दशकों तक उन्हें नहीं मिला।"