केरल उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी और उनकी कंपनी के एक निजी कंपनी कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड के साथ हुए वित्तीय लेन-देन की सतर्कता जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान मदद के लिए बुधवार को न्यायमित्र नियुक्त किया। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी वकील ने बताया कि न्यायमूर्ति के बाबू ने अधिवक्ता अखिल मोहन को न्याय मित्र नियुक्त किया और मामले को दो नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। मामले में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील बीए अलूर ने भी घटनाक्रम की पुष्टि की।
सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू ने इस याचिका में सतर्कता अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मुख्यमंत्री की बेटी और उनकी कंपनी के कोच्चि स्थित कंपनी के साथ वित्तीय लेन-देन की जांच करने से इनकार कर दिया गया था।
केरल में हाल ही में कोच्चि स्थित निजी खनिज कंपनी और वीना और उनकी आईटी फर्म के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन को लेकर विवाद पैदा हो गया था। ऐसे सबूत भी सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि कंपनी का सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ दोनों के शीर्ष नेताओं के साथ लेन-देन था। यह मुद्दा तब सामने आया जब एक मलयालम दैनिक ने बताया कि कोचीन मिनरल्स एंड रुटाइल लिमिटेड ने 2017 और 2020 के बीच सीएम की बेटी को कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया।