नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) परमेश्वरन अय्यर ने शुक्रवार को कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें उत्पादन व प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात बढ़ाने पर भी जोर देना चाहिए।भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है क्योंकि यह सबसे ज्यादा नौकरियां देता है। अय्यर ने कहा, खाद्य प्रसंस्करण न सिर्फ अर्थव्यवस्था की सेहत और लोगों के लिए जरूरी क्षेत्र है बल्कि यह किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पीएलआई योजना से निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
अय्यर ने कहा, कृषि क्षेत्र में प्राथमिक प्रसंस्करण बढ़ाने की जरूरत है। सरकार ने इस संबंध में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना सहित कई पहल की है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा, भोजन उत्पादन के तरीकों में काफी बदलाव आया है। भारत से खाद्य प्रसंस्कृत वस्तुओं के पहले से हो रहे निर्यात को और बढ़ाने की जरूरत है।
रोकनी होगी खाने की बर्बादी
अय्यर ने कहा, दुनियाभर से बहुत लंबी और जटिल आपूर्ति श्रृंखलाओं के जरिये भोजन आता है। यह सबको कवर करता है। चाहे वह पशुपालन हो या कृषि, मत्स्य पालन, भंडारण, खुदरा परिवहन या फिर वितरण। इसलिए प्रसंस्करण के जरिये हमें खाने की बर्बादी को रोकने की जरूरत है। इससे हर साल अरबों की बचत होगी। साथ ही, दुनियाभर में लाखों लोगों को कुपोषण से बाहर निकालने में मदद मिलेगी।