सरकार पर बाहरी कर्ज 2022-23 के दौरान 5.6 अरब डॉलर से बढ़कर 624.7 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, जीडीपी और कर्ज के अनुपात में गिरावट आई है। आरबीआई के शुक्रवार के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में सरकार पर कुल 619.1 अरब डॉलर का बाहरी कर्ज था। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी और कर्ज का अनुपात 18.9 फीसदी रह गया, जो 2021-22 में 20 फीसदी रहा था।
उधर, केंद्र का राजकोषीय घाटा मई अंत में 2023-24 के पूरे साल के बजट अनुमान का 11.8 फीसदी रहा। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 2022-23 के बजट अनुमान का 12.3 फीसदी रहा था। राजकोषीय घाटे से संकेत मिलता है कि सरकार को कुल कितने कर्ज की जरूरत है। लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक घाटा मई अंत में 2,10,287 करोड़ रुपये रहा। बजट में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। 2022-23 में यह 6.4 फीसदी रहा था। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के लिए केंद्र का शुद्ध कर राजस्व 2.78 लाख करोड़ या बजट अनुमान का 11.9 फीसदी रहा। कुल खर्च 6.25 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 13.9 फीसदी रहा।