उत्तराखंड भाजपा में जहां भीतरघात का बवंडर थम नही रहा वहीं कांग्रेस में नए नेतृत्व को स्वीकारने में अब भी लगता है संकोच पार्टी में बरकरार है। दरअसल एक ओर सत्तारुढ पार्टी के पराजीत प्रत्याशी हार का ठिकरा फिर भीतरघात पर फोड़ते दिखे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी पार्टी को एक करने मे कुछ कसरत नजर आए। कैसे दलों की अंदरूनी खिटपिट का शोर उसकी अपनी-अपनी बोठकों मे नजर आय़ा है, जानते हैं..