इन दिनों उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय पार्कों के इर्द गिर्द बसे आबादी क्षेत्रों में कई लोग हाथी, तेंदुओं और गुलदार के हमलों का शिकार हो रहे हैं। वहीं इन जानवरों की मौत के मामलों में भी वृद्धि हुई है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कोरोना काल के दौरान रहे लॉकडाउन में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं एकाएक कम हुई थी, लेकिन लॉकडाउन हटते ही मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई बात नहीं है। वन्य क्षेत्रों के आसपास बढ़ती आबादी और घटता वन क्षेत्र संघर्ष की मुख्य वजह है। इसके लिए रणनीतिक लिहाज से कुछ कड़े कदम उठाने से घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। पेश है रिपोर्टर रश्मि पंवार की विशेष रिपोर्ट..