चंपावत उपचुनावी समर में रोचकता की तरंग कुछ देरी से सही पर आखिरकार बेहने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह है प्रत्याशियों के दायरे को लांघ लड़ाई का संगठनों के संग्राम मे तब्दील हो जाना। ऐसा तीन कारणों से कह रहे है।रिपोर्ट में इन तीनों बिंदुओं पर तो नजर डालेंगे हीं साथ ही ये भी जानेंगे की वोटिंग से ठीक पहले बदले ये डायनामिक्स कौन सा डाइनामाइट बनकर प्रदेश की सियासत को हिला सकते है...