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• Thu, 1 Apr 2021 5:44 pm IST


गैरसैण में हुए लाठीचार्ज पर सियासत गरमाई: देखे विशेष रिपोर्ट



देहरादून:  गैरसैण में विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हुई, तो वहीं विधानसभा से करीब 5 किलोमीटर पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया तभी से लाठीचार्ज को लेकर पूरे राज्य में सियासत गरमाई हुई है। इस  घटनाक्रम के बाद से ही राजनितिक गलियारों में सियासत तेज़ हो गयी है। राजधानी देहरादून में विपक्षीदल मौजूदा सरकार को घेरने की कवायद तेज़ कर दी है।  देहरादून की अलग अलग जगहों पर विपक्षी पार्टियों ने सीएम का पुतला दहन किया। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जहां सोमवार को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए तो वही आम आदमी पार्टी ने सीएम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि शर्मनाक घटना पर उत्तराखंड की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए। आम आदमी पार्टी ने त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला दहन किया। लाठीचार्ज को लेकर हंगामा यही नहीं थमा उत्तराखंड क्रांति दल ने भी सियासी पारा बढ़ाने में कोई कसार नहीं छोड़ी। लाठीचार्ज किसके आदेश पर हुआ इसकी जांच होनी चाहिए। इस लाठीचार्ज पर विपक्ष को बजट सत्र से तुरंत वाकआउट कर देना चाहिए। लाठीचार्ज पर कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका को मजबूत करते हुए प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री इसे प्रोफेशनल आंदोलनकारियों का काम बता रहे हैं, जो कि बेबुनियाद है। तो वही विपक्ष द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान हुए लाठीचार्ज पर घेरे जाने को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि यह उत्तराखंड की संस्कृति नहीं है फिलाहल यह जांच का विषय है की किन परिस्थितियों में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदेश में चुनावी साल है ऐसे में इस तरह की घटनाये कर ज़्यादा आसानी से सरकार को घेर दबाव बनाया जा सकता है। विपक्ष इस तरह के अवसर तलश करता है ताकि जनता को विश्वास में लिया जा सके। त्रिवेंद्र सरकार का अंतिम बजट सत्र होने के साथ ही चुनावी साल भी है ऐसे में लाठीचार्ज के इस मुद्दे को विपक्ष किस तरह अपने पक्ष में भुनाती है। यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।