क्षेत्र में 1977 में स्थापित एकमात्र सबसे पुराना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरि दत्त पंत इंटर कॉलेज उपेक्षा के कारण कई समस्याओं से जूझ रहा है। विद्यालय में शिक्षकों के कई पद खाली हैं। शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं अन्यत्र विद्यालयों में जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षकों की तैनाती सहित विद्यालय की अन्य समस्याओं के समाधान के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
इस इंटर कॉलेज की छात्र संख्या राज्य गठन से पहले एक हजार तक होती थी। नाचनी, पांखू, मुवानी से भी विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते थे। तब पूरा स्टाफ तैनात होने के कारण पढ़ाई अच्छी होती थी। अब यहां पर छात्र संख्या 250 रह गई है। इंटर कॉलेज में प्रमुख विषयों के शिक्षक नहीं हैं। वर्ष 2016 में इस इंटर कॉलेज का नाम थल के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरि दत्त पंत के नाम पर रखा गया। जनता को उम्मीद थी कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से इस स्कूल की शिक्षण सुविधाओं का कायाकल्प होगा लेकिन यह इंटर कॉलेज आज भी उपेक्षित है।