" धर्म-कर्म और मजहब़, में क्यों भेद है। जानें इंसानो में आया अलगाव क्या, एक मानव है हम,खून भी एक हैं, एक धरती गगन फिर बयर-भाव क्या,आने और जाने का रास्ता एक है, फिर मानवता-दानवता कहती हैं क्यों, सब की कश्ती अलग ना खुदा एक है, इंसानियत खून से फिर नहाती है क्याें " ।.
(जय-हिंन्द जय-भारत)