लगभग 1 माह पूर्व हम जानते हैं कि कपकोट तहसील सहित बहुत सारी सड़कों पर डामरीकरण हुवा था तब मैंने सराहना भी की थी लेकिन आप देख सकते हैं किस प्रकार से डामरीकरण के नाम पर मजाक किया गया है एक माह से कम समय में डामर का इस प्रकार उखाड़ना क्या इसकी गुणवत्ता पर सवाल नहीं करता है क्या?
क्या डामरीकरण महज खानापूर्ति और रुपये खपाने के लिए था?
जब डामरीकरण का काम शुरू हुआ तो बड़े -बड़े नेताओं और उनके सहयोगियों ने क्रेडिट लेने देने का खेल खेला था लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि वो क्रेडिट लेने देने वाले लोग अब कहा हैं अब क्योंकि नहीं काम की गुणवत्ता का क्रेडिट ले रहे हैं ।
अब आप बताइये कि इसकी जबाबदेही किसकी है?