भारत की नई संसद भवन को लेकर राजनिति चरम पर है ... आलम ये है कि इस मुद्दे को लेकर कोई भी राजनितिक दल नरम पढ़ता नजर नहीं आ रहा है । तमाम तरह के मुद्दे उठाए जा रहे है हर दिन एक नई कहानी सुनने को मिल रही है फिर बात चाहे पीएम मोदी से नई संसद का उद्घाटन न कराने की हो या फिर विनायक दामोदर सावरकर के जन्म दिवस पर इसका उद्घाटन करने की इन दोनों ही मुद्दों ने खूब जोर पकड़ा है ।