बीते गुरुवार यानी 2 सिंतबर को मसूरी गोलीकांड को 27 साल पूरे हो गए । मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर राज्य आंदोलनकारी को याद कर श्रद्धांजलि दी गई । आइये देखतें हैं उत्तराखंड के प्रमुख समाचार पत्रों ने मसूरी गोलीकांड की इस खबर को किस तरह से प्रकाशित किया।
हिन्दुस्तान ः अखबार ने “गजा में मसूरी गोलीकांड के शहीदों को किया याद”' शीर्षक के साथ उन्होंने खबर प्रकाशित की है । खबर में लिखा है कि गुरुवार को गजा में राज्य आन्दोलन के दौरान मसूरी में हुए गोली कांड में शहीद हुए 6 आन्दोलनकारियों की 27वीं वर्षगांठ पर शहीद बेलमति चौहान स्मारक में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने शहीद बेलमति चौहान की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।
दैनिक जागरणः अखबार ने "पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए राज्य आंदोलन का इतिहास, मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर राज्य आंदोलनकारियों की मांग” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है। इसमें लिखा है कि, मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच तथा आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
अमर उजालाः अखबार ने " शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की दिशा में काम कर रही सरकार” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है। इस खबर में लिखा है कि, मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। कहा कि उत्तराखंड के जन्म का काम मसूरी और खटीमा गोलीकांड ने किया।
न्यूज़ एनालाइज
तीनों समाचार पत्रो ने मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी की इस खबर को अलग अलग तरीके से प्रस्तुत किया है । अमर उजाला ने अपनी खबर में बताया है कि मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य मंत्री अजय भट्ट सहित अन्य नेताओं ने शहीद स्थल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी इसके साथ ही उजाला ने इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बातें भी प्रकाशित की है । वहीं दैनिक जागरण अखबार ने अपनी खबर में मसूरी गोलीकांड की 27 वीं बरसी पर राज्य आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को प्रकाशित किया है । हिंदुस्तान अखबार ने अपनी खबर में मसूरी गोलीकांड की 27 वीं वर्षगांठ पर राज्य आंदोलनकारियों द्वारा शहीद बेलमति चौहान स्मारक पर हुए श्रद्धांजलि का आयोजन का जिक्र करते हुए खबर प्रकाशित की है । गौर करने वाली बात है कि तीनों अखबारों ने कहीं भी मसूरी गोलीकांड घटना का उल्लेख नहीं किया है ना ही यह बताया है कि मसूरी गोलीकांड कब और क्यों हुआ था ।
मसूरी गोलीकांड ----
दो सितंबर 1994 के दिन मसूरी में पुलिस ने मौन जुलूस निकाल रहे लोगों पर गोलियां बरसा दी थीं। जिसमें छह लोगों सहित एक पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए थे । बता दे, कि 2 सितंबर का दिन मसूरी के इतिहास का काला दिन माना जाता है।