देहरादून। परिवहन विभाग की कार्यशैली भी अजब है। एक ओर पर्वतीय जिलों के कार्यालयों में तैनात करने के लिए अधिकारी नहीं हैं, वहीं पदोन्नत किए गए अधिकारियों को मैदानी जिलों के पुराने कार्यालयों में ही बरकरार रखा गया है। इनमें से कई तो इन कार्यालयों में पांच-पांच साल से जमे हुए हैं। यह स्थिति तब है जब पदोन्नति पर अनिवार्य रूप से दुर्गम में तैनात किए जाने की व्यवस्था है।
परिवहन विभाग ने इसी वर्ष जनवरी में प्रथम श्रेणी के सात परिवहन कर अधिकारियों को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के रूप में पदोन्नति प्रदान की।