कोरोना महामारी के कारण 2 साल से हज यात्रा पर प्रतिबंध था। हालांकि, संक्रमण कम होने के बाद सऊदी अरब सरकार ने इस बार हज यात्रा की इजाजत दी है। ऐसे में भारत से 79 हजार 237 यात्री हज यात्रा के लिए जा रहे हैं।
दिल्ली से यात्रियों को पहला जत्था भी रवाना हो गया है। खास बात यह है कि इस बार यात्रियों में 50 प्रतिशत संख्या महिलाएं हैं। पहला जत्था रवाना होने से पहले रविवार को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली स्टेट हज कमेटी के कैंपों का दौरा किया था। नकवी ने कहा, हज यात्रा की सब्सिडी के नाम पर दशकों से राजनीतिक छल किया जा रहा था, जिसे अब खत्म किया जा चुका है। इसके बावजूद यात्रियों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ रहा है।
हालांकि, सऊदी अरब सरकार की तरफ से बढ़ाए गए टैक्स के चलते यात्रा का खर्च पहले से ज्यादा हो गया है। और 2018 में केंद्र सरकार ने भी हज सब्सिडी खत्म कर दी थी। कोरोना महामारी के कारण आखिरी बार 2019 में हज यात्रा हुई थी। तब अजीजिया कैटेगरी के लिए 2.36 लाख, ग्रीन कैटेगरी के लिए 2.82 लाख रुखे खर्च करने पड़ते थे। हालांकि, दो साल बाद होने जा रही इस बार की हज यात्रा के लिए भारतीयों को अजीजिया कैटेगरी के लिए 3.35 लाख और ग्रीन कैटेगरी के लिए 4.07 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं प्राइवेट ऑपरेटर्स के हज यात्री को छह लाख रुपये तक खर्च करने होंगे।