गरुड़। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान शोध केंद्र, पुरारा ने अपना 45 वां वार्षिक दिवस धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम में बागेश्वर, अल्मोड़ा तथा चमोली के उद्यमियों तथा किसानों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि बद्री केदार हिमालयन नेचुरल प्रोडक्ट के प्रबंधक एमएस रावत ने कहा कि किसान औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन तक ही सीमित न रहे। उन्हें औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पाद मे वैल्यू एडिशन करना चाहिए। इस पर सीमैप द्वारा किसानों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जिससे किसान मूल्य संवर्धन कर अपना उद्योग स्थापित कर सके।
केंद्र के तकनीकी अधिकारी प्रवल पीएस वर्मा ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले व्यावसायिक उत्पाद बनाना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें सभी की भागीदारी आवश्यक होती है। समय की मांग है कि शोध संस्थान, उद्यमी और किसान मिलकर कार्य करें, जिससे सामाजिक और आर्थिक प्रगति एक साथ हो सके। वर्मा ने कहा कि सीमैप औषधीय एवं सगंध पौधों से जुड़े किसानों एवं उद्यमियों के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत है। किसानों को नए कौशलों का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमे ड्राई हर्ब निर्माण, हर्बल चाय का निर्माण, आसवन इकाई से तेल निकालने की विधि, पौधों की रोपण विधि और खेती से जुड़े व्यवसायों की विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया।