नामीबिया से लाए गए चीतों को भारत की धरती पर सात दिन पूरे हो गए। इस दौरान उनकी दिनचर्या में भी काफी बदलाव हुए, पहले दिन डरे-सहमे नजर आ रहे चीते अब माहौल में ढलते दिखने लगे हैं।
उनके व्यवहार पर हर पल नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के मन की बात कार्यक्रम में भी इन चीतों का जिक्र किया है। करीब 70 साल पहले भारत में विलुप्त हुए चीतों को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष प्रयास किए थे। आठों चीते नेशनल पार्क में करीब तीन सप्ताह और क्वारंटीन में रहेंगे। इस दौरान साउथ अफ्रीका से आए 13 एक्सपर्ट उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीतों की नजर बाड़े के बाहर घूम रहे चीतल पर है। वे शिकार के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। चीता कंजर्वेशन फंड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर लॉरी मार्कर ने दावा भी किया है कि भारत का प्रोजेक्ट चीता एक बड़ी सक्सेस स्टोरी बनने जा रहा है। चीतों की घर वापसी बहुत बड़ी उपलब्धि है। और इसके परिणाम सामने आने में वक्त लग सकता है।
अधिकारियों का दावा है कि, चीते यहां के माहौल में घुल-मिल रहे हैं। यह उत्साहवर्धक है। चीते लगातार जांच से गुजर रहे हैं, वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और धीरे-धीरे नए माहौल में खुद को एडजस्ट कर रहे हैं। पार्क प्रबंधन से जुड़े लोग बता रहे हैं कि अभी चीतों को सर्टिफाइड भैंसे का मीट दिया जा रहा है। खाने की भी लगातार जांच की जा रही है।