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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 17 Mar 2022 5:11 pm IST


दग्ध, अमरत्व व गद योग में होगा होलिका दहन


भारतीय पंचांग के अनुसार होलिका दहन का पर्व इस साल 17 मार्च को मनाया जाएगा। इस पर्व को होली, लक्ष्मी जयंती, फाल्गुन पूर्णिमा, फाल्गुनी उत्तरा पर्व भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.34 मिनट तक प्रदोष काल में रहेगा। इसके साथ ही इस साल होलिका दहन पर तीन विशेष योग दग्ध, अमरत्व और गद योग बनने जा रहे हैं।

भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि आज 17 मार्च को होलिका दहन है। यह दिन ज्योतिष के हिसाब से बहुत ही खास होता है। कहा जाता है कि इस दिन रात्रि में होलिका को जलते हुए देखने के साथ-साथ यदि चंद्रमा के भी दर्शन किए जाए तो आने वाले पूरे वर्ष परिवार में अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस दिन यदि होलिका में पूजन के समय कपूर के साथ लाल फूल डाले जाएं तो कुंडली में अंगारक योग प्रभाव विहीन हो जाता है। यदि इस दिन माता सरस्वती का सात रंगों से श्रंगार किया जाए तो नीरस जीवन में बाहर आ जाती है। इस दिन यदि शंख में जल भरकर रात्रि में रख कर अगले दिन किसी बच्चे को दे तो वह मूक योग समाप्त कर देता है। जिससे बच्चा बोलने लगता है। इस दिन शिवलिंग पर अबीर गुलाल के साथ चंदन का लेप लगाने से दरिद्रता दूर हो जाती है। उन्होंने बताया कि होलिका का दहन फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा के दिन किया जाता है। यदि भद्रा मुख काल में होली का दहन होता हे तो प्रदेश के राजा व प्रजा के लिए समय ठीक नही होता है।