बरसात का मौसम बडोली गांव के लोगों के लिए आफत बनकर आया है। गांव के लोग जान हथेली पर डालकर दो बल्लियों के सहारे नदी पार कर तहसील मुख्यालय, बाजार, स्कूल या अन्य स्थलों के लिए आवाजाही कर रहे हैं। समय पर ग्रामीणों के आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं की गई और ग्रामीणों का इसी तरह बल्लियों के सहारे नदी पार करने का क्रम जारी रहा तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जिले के बड़ोली गांव के ग्रामीण इन दिनों जान हथेली में रखकर गांव से मुख्य मार्ग तक पहुंच रहें हैं। ग्रामीणों ने नदी पार करने के लिए खुद ही एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लकड़ी की बल्लियां डालकर आवाजाही के लिए रास्ता बनाया है। यह खतरे से खाली नही है। थोड़ी सी चूक किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। गांव के लोग पांच मीटर लंबी बल्लियों के सहारे नदी पार कर अपने जीवन की डोर को आगे बढ़ा रहे हैं। ग्राम प्रधान रीता थ्वाल ने बताया कि बारिश से गांव में काफी नुकसान हुआ है। गांव में निवास कर रहे 500 से अधिक की आबादी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है। सदियों पूर्व बनाया गया पैदल पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया। इससे अब आवाजाही मुश्किल हो गई है। फिलहाल ग्रामीणों की ओर से आवाजाही के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लकड़ी की बल्लियों का सहारा लिया जा रहा है, जो खतरे से खाली नही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से समाधान करने की मांग की है।