रामनगर (नैनीताल) : अल्मोड़ा के मरचूला में बाघिन की मौत के मामले में वन आरक्षी पर हुई कार्रवाई से ग्रामीणों में आक्रोश है। शुक्रवार को बातचीत करने मरचूला गए डीएफओ, एसडीओ और रेंजर को ग्रामीणों ने पांच घंटे तक बंधक बना लिया। वन आरक्षी को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर उन्होंने हाईवे पर जाम भी लगाया। मौके पर पहुंचे वन आरक्षी को ग्रामीणों ने कंधों पर उठा लिया। घंटों की मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने वनाधिकारियों को मुक्त किया। बीते दिनों मरचूला के गांव में आई बाघिन की वन आरक्षी की गोली से मौत हो गई थी। इस मामले में वन आरक्षी के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें पलैन रेंज से संबद्ध कर दिया गया। इससे मरचूला के ग्रामीण आक्रोशित हैं। शुक्रवार सुबह 11 बजे मरचूला में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ नीरज कुमार शर्मा, एसडीओ सोनानदी हरीश नेगी, मंदाल रेंज के रेंजर अमोल ईस्टवाल ग्रामीणों से वार्ता करने पहुंचे। इस दौरान वनाधिकारियों से ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक हुई। उन्होंने वन आरक्षी धीरज सिंह रावत पर हुई कार्रवाई का विरोध जताया। कहा कि बाघिन की मौत के मामले में वन आरक्षी पर केस दर्ज किया जाना गलत है।