राहुल गांधी के माफी मांगने की मांग के बीच पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि, देश में बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों की संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
भाजपा के सांसद राजकुमार चाहर ने कई अलग-अलग राज्यों में बंदरों के खतरे के लगातार मामलों पर संसद में चिंता जताई और लोकसभा में सरकार से सवाल पूछा था, और सांसद चाहर ने बंदरों से प्रभावित लोगों को अनुग्रह राशि की राशि पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने कहा कि, बंदरों के हमलों से हुई मौतों और चोटों के विवरण पर इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
दरअसल, लोकसभा को पहले बताया गया था कि, साल 2015 में बंदर के काटने के 1,900 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जो पिछले साल की तुलना में 400 से ज्यादा मामलों की बढ़ोत्तरी थी। राष्ट्रीय राजधानी में 2015 में हर दिन बंदर के काटने के कम से कम पांच मामले सामने आए।