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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 10 Feb 2023 12:21 pm IST

नेशनल

देश में पहली बार मिला लिथियम, मोबाइल-ईवी की बैटरी बनाने में आता है काम


नई दिल्‍ली: देश में पहली बार लिथियम का भंडार मिला है, जिसकी क्षमता 59 लाख टन है। लिथियम (G3) की यह पहली साइट है, जिसकी पहचान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में की है। लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल (अलौह धातु) है, जिसका उपयोग मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सहित अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। यह एक रेअर अर्थ एलीमेंट है।

अभी भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। देश अपनी जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। वर्ष 2020 से भारत लिथियम आयात करने के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर रहा। देश अपनी लिथियम-ऑयन बैटरियों का लगभग 80 फीसदी हिस्सा चीन से मंगाता है। इस क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनने के लिए अर्जेंटीना, ऑस्‍ट्रेलिया, चिली और बोलिविया जैसे लिथियम के धनी देशों की खदानों में हिस्सेदारी खरीदने पर काम कर रहा है।

जीएसआई ने राज्य सरकारों को सौंपी रिपोर्ट

62वीं सीडीपीबी की बैठक के दौरान जीएसआई ने लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज के ब्लॉकों की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी। इनमें से पांच ब्लॉक सोने के भंडार हैं। इनके अलावा पोटाश, बेस मेटल, मोलिब्डेनम से जुड़े हुए हैं और ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जनपदों में मिले हैं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्‍थान, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु शामिल हैं।