लोहाघाट (चंपावत) : जिले का सबसे पुराना तकनीकी शिक्षण केंद्र राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट बुरे हाल में है। 1975 में स्थापित इस पॉलीटेक्निक में 58 प्रतिशत पद खाली हैं। कार्मिकों की कमी से पढ़ाई से लेकर संस्थान की व्यवस्थाओं को सुचारु करने में दिक्कत आ रही है।उत्तर प्रदेश के दौर में पहाड़ पर तकनीकी शिक्षा का पहला केंद्र लोहाघाट में खुला लेकिन राज्य गठन के बाद से इसके हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते गए। छात्र संख्या ही नहीं घटी बल्कि ट्रेड भी कम हो गए। इस वक्त महज 275 छात्र हैं जबकि ये संख्या राज्य बनने से पहले तक 525 से अधिक हुआ करती थी।पांच ट्रेड में से एक स्टेनोग्राफी वर्ष 2016 से बंद हो गया है। जो चार (सिविल इंजीनियरिंग, फार्मेसी, आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स) ट्रेड चल रहे हैं उनमें सिर्फ फार्मेसी में ही पूरा स्टाफ है जबकि एमओएम के विभागाध्यक्ष, तीन व्याख्याताओं, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कार्मिकों के 62 में से 35 पद खाली हैं। पढ़ाने वालों की कमी से यहां सैकड़ों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर असर पड़ रहा है।