विकासनगर। पछवादून में भी किसानों ने फसल का ट्रेंड बदला है। पारंपरिक खेती छोड़कर किसान चकराता के राजमा की खेती करने लगे हैं। इन दिनों क्षेत्र में राजमा की बुवाई की जा रही है। किसान इस फसल के लिए खेत तैयार कर चुके हैं। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय सिंह ने क्षेत्र में भ्रमण कर किसानों को कई टिप्स दिए।
असिंचित क्षेत्र में महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है राजमा
खरीफ की फसल राजमा असिंचित क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाती है। पर्वतीय क्षेत्र में उस समय पर मौसम में अच्छी नमी तथा तापक्रम मध्यम रहता है, जिसके कारण पर्वतीय क्षेत्रों में राजमा की फसल को उगाया जाता है। मैदानी और तराई क्षेत्रों में विशेष प्रकार की जलवायु जैसे धारदार खेत, मध्यम तापमान व आद्रता की परिस्थिति में राजमा की खेती बसंतकाल में सफलतापूर्वक की जा सकती है। यह फसल दलहनी होने के बावजूद जड़ों द्वारा नत्रजन संचित नहीं करती। इसके लिए अधिक उर्वरा वाली भूमि की आवश्यकता रहती है।