चंपावत-कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी पूरी होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन चंपावत जिले में तो इसकी जमीनी हकीकत नजर नहीं आती। तीसरी लहर से बचाव के प्रबंध तो छोड़िए, यहां जिले के दो प्रवेशद्वार (ऊधमसिंह नगर और नैनीताल) वाले अस्पतालों के बंदोबस्त कतई ठीक नहीं है। इन महत्वपूर्ण अस्पतालों में वर्षों से एक्सरे नहीं हुए हैं। ये नौबत एक्सरे मशीन होने के बाद है। यहां एक्सरे मशीन है, लेकिन एक्सरे करने वाले नहीं। टनकपुर में अल्ट्रासाउंड परीक्षण की भी स्थायी व्यवस्था नहीं है। इन सबसे लोगों को इस अस्पताल का खास लाभ नहीं मिल पा रहा है।