- आशा
कार्यकर्ताओं को हर महीने 6500
रुपये दिए जाएंगे। जिसमें पूर्व जो राशि दी जाती थी। उसमें 1000 मानदेय और 500 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- सरकारी
सस्ता गल्ला विक्रेताओ को भाड़े का पैसा भी दिया जाएगा।
- सोमेश्वर
अस्पताल के उच्चीकरण पर मंत्रिमंडल ने दी सहमति, 30 बेड से बढ़ाकर 100 बेड किया गया।
- विधायक
निधि से कटने वाली प्रशासनिक मद में 2 फीसदी धनराशि को घटाकर किया गया 1 फीसदी।
- उपनल
कर्मचारियों के वेतन में की गई बढ़ोतरी। 10 साल से कम समय से काम कर रहे उपनल कर्मचारियों के वेतन में 2000 की बढ़ोतरी साथ ही 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे उपनल कर्मचारियों
के वेतन से 3000
की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि हर साल उपनल कर्मचारियों
के वेतन में थोड़ी-बहुत वृद्धि की जाती रहे।
- खरीद
सत्र 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य
पर मंत्रिमंडल ने दी सहमति।
- ग्राम
प्रधानों का मानदेय 1500
से बढ़ाकर 3500
किये जाने के मामले पर मंत्रिमंडल में लगाई मुहर।
- राजकीय
स्कूलों, महाविद्यालय के 10वीं -12वीं और उच्च शिक्षा की छात्राओं को तीन लाख
टैबलेट वितरित किए जाने पर सहमति दे दी है।
- उच्च
न्यायालय के आदेश पर न्यायालय में कुछ पदों के सृजित करने की बात पर मंत्रिमंडल में
लगाई मुहर।
- उत्तराखंड
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण नियमावली में किया जाएगा संशोधन।
- राजकीय
दून मेडिकल कॉलेज में पदों के सृजन के लिए मंत्रिमंडल ने दी सहमति।
- उत्तराखंड
पंचायती राज विभाग में पदों को किया गया सृजन
- वित्त
विभाग के ऋण एवं नगद प्रकोष्ठ में 5
नए पदों के सृजन को मिली स्वीकृति।
- अन्य
राज्य से उत्तराखंड आने वाली कमर्शियल गाड़ियों के टैक्स स्लैब को अन्य राज्यों में
लगने वाले टैक्स के किया बराबर। इससे राज्य सरकार को मिलेगा अधिक टैक्स।
- औद्योगिक
विकास के तहत खनन के ढांचे में किया गया बदलाव, महानिदेशक का पद किया गया सृजित।
- लघु
एव सूक्ष्म उद्योग के तहत एक जिला दो उत्पाद को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी।
- उत्तराखंड
चिकित्सा शिक्षा विभाग में कई पदों को किया गया सृजित।
- मेगा
इंडस्ट्रियल पार्क में गलवालिया इस्पात उद्योग पर 1 कऱोड 13 लाख 97 हजार का बिजली बिल लेट शुल्क माफ।
- गढ़वाल
मंडल विकास निगम के नौ कर्मचारियों जो अन्य विभागों में काम कर रहे थे उन्हें किया
जाएगा सम्मिलित।
- देहरादून
और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र अगर राज्य सरकार
से बांड भरते हैं कि वह अगले कुछ साल तक उत्तराखंड में ही प्रैक्टिस करेंगे तो उनकी
फीस कम कर दी जाएगी।