सोमवार के व्रत तीन प्रकार के है- साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार - विधि तीनों की एक जैसी होती है. सोमवार का व्रत साधारणत: दिन के तीसरे पहर तक होता है. व्रत मे फलाहार या पारण का कोई विशेष नियम नहीं है. दिन रात में केवल एक समय भोजन करें. इस व्रत मे शिवजी पार्वती का पूजन करना चाहिए. शिव पूजन के बाद कथा अवश्य सुननी चाहिए. क्योंकि इसके बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है. शाम को पूजा के बाद व्रत खोल लें. वहीं शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोलना चाहिए, मतलब एक समय ही भोजन करना चाहिए.